चाइनीज़ ड्रैगन रिटर्न ही तो है कोरोना रिटर्न और अब कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन रिटर्न का अंदेशा है !

कोरोना गया ही कब था जो वापस आ गया ? ना ही कोरोना शक्तिशाली हुआ है ! दरअसल हमारी लापरवाहियों ने लॉकडाउन की वजह को ही धत्ता बता दिया ! हम भूल गए कि वायरस की ऑरिजिन चाइना है जिसकी फितरत है लौटने की ! यदि धर्मेंद्र की हकीक़त फिल्म देखी हो तो बताने की जरुरत नहीं है ! फिर अब तो विश्वास भी हो चला है कि कोरोना चाइना का क्रिएट किया बायोलॉजिकल वेपन है जिसकी सौ फीसदी तोड़ भी उन्हीं के पास है ! आज चाइना कोरोना फ्री इसीलिए तो है ! दुनिया कितने ही वैक्सीन बना लें, सौ फीसदी खरे कोई ना उतरेंगे !        

कुल तीन सावधानियाँ ही तो रखनी थीं - मास्क पहनना , दो गज की फिजिकल डिस्टैन्सिंग रखना (सोशल जरूर रहें जिनके नॉन फिजिकल टूल्स कई हैं मसलन स्मार्टफोन है, सोशल मीडिया है, फ़न्तासी है ) और वाश योर हैंड्स अगेन एंड अगेन ! भई ! क्यों कोताही बरतना शुरू कर दिया ? हिमाचल का एक गांव है थोरांग जहाँ ५२ वर्षीय  भूषण ठाकुर को छोड़ सारे ही कोरोना पॉजिटिव निकले ! क्यों ? वो कोई भगवान् नहीं है ! आखिर यह कैसे संभव हुआ? भूषण ठाकुर इस सवाल के जवाब में जो बताते हैं, वह सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करनेवाला है।वो सभी प्रोटोकॉल्स का सख्ती से पालन कर रहे थे , जैसे हाथ धोना, फेस मास्क पहनना और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना। 

अब देखिये लापरवाही कैसे होती है ? कहीं एक धार्मिक आयोजन में लोग इकट्ठा हुए , ठंड भी बढ़ गयी और टूरिस्टों का आवागमन बढ़ गया अटल टनल के उदघाटन के बाद ! क्या कोई जरुरत थी या कौन सी इकोनॉमी सुधर जानी थी ?  

हरियाणा में उच्च कक्षाओं को खोला गया और नतीजन १५ दिनों के भीतर ही १७४ छात्र और १०७ शिक्षक संक्रमित हो गए ! अब फिर बंद कर दिए गए हैं ! पता नहीं खोला ही क्यों था ? हरियाणा में तो भाजपाई सरकार है तो एंटी मोदी कदम कैसे उठा लिया सरकार ने ? कुछ महीने और निर्वाध ऑनलाइन क्लासेज चलने देते #डिजिटलइंडिया के ख़ातिर ! फिर नन्हेमुन्ने तक तो ऑनलाइन पढ़ने लगे हैं ! खोलना ही था तो माताओं की सुनकर बच्चों की खोल देते ! बच्चों ने नाक में दम जो कर रखा था ! 

पता नहीं क्यों चुनाव करा दिए पिछले दिनों ! बिहार में विधानसभा चुनाव और अन्य कई राज्यों में उप चुनाव ! ना होते और छह महीने तो कौन सा पहाड़ टूट जाता ? चुनाव होकर क्या बदल गया ? नीतीशे ही तो मुख्यमंत्री हैं ! चुनाव के लिए खूब  आम सभाएँ की गयी और सारे कोरोना प्रोटोकॉल ताक पर थे !      

कहने का मतलब तमाम सुपरस्प्रेडर इवेंट्स के लिए सरकारें निहित स्वार्थ वश अनुमति दे देती हैं और फिर ठीकरा जनता पर फोड़ देती हैं कि हमने तो शर्तें लागू कर ( परमिशन ग्रांटेड -टर्म्स एंड कंडीशंस अप्लाई ) कोरोना के साथ जीने का मंत्र दे दिया था ! 

अब दिल्ली का हाल देखिये ! रोज सौ मौतें फिर से होने लगी हैं ! मध्य्प्रदेशों के पांच शहरों में और गुजरात में नाईट कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया हैं ! कल महाराष्ट्र में भी मामले फिर से बढ़े हैं ! पॉलिटिकल टूरिज़्म बंगाल का जोरों पर हैं तो कल ही डेली रिपोर्ट होने वाले मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई (१०००-११०० से सीधे ३४०० हो गए ) ! पता नहीं हैदराबाद में नगर निगम चुनाव अभी ही क्यों होने हैं ?  

कहीं मंदिरों के खोलने पर राजनीति हुई तो कहीं फ़ेस्टिवल के आयोजनों पर ! अभी भी चालू है ! बिजली बिलों में बढ़ौत्तरी को लेकर बीजेपी आज प्रदर्शन कर रही हैं, जून महीने में भी किया था ; चूँकि पिछले शासनकाल में कांग्रेस करती रही थी ! पता नहीं शीर्ष न्यायालय स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लेता ? सिर्फ केंद्र और राज्य सरकारों की खिंचाई कर कर्त्तव्य निर्वाह हो जाता है ! अब आज ही देखिये सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया ? देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र केंद्र सरकार और दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और असम की राज्य सरकारों से जवाब दाखिल करने को कह भर दिया कि वे महामारी पर रोकथाम के लिए क्या कदम उठा रहे हैं ? और अब ब्लेमगेम चालू है ! पीएम मातहतों के संग बैठकें करने लगे हैं, ममता दीदी भी शायद कल मोदी जी से बात करेंगी ! केजरीवाल जी अमित शाह से मिल चुके हैं ! सब कुछ सिर्फ आईवाश भर हैं, एक दूसरे पर स्कोर करने की कवायद हैं ! 

दुर्भाग्य ही तो है ८ महीनों के बाद भी हम बात कर रहे हैं कि बेड नहीं है , वेंटीलेटर नहीं है , लोग मास्क नहीं लगा रहे है ! कुल मिलाकर गुड गवर्नेंस कहीं दिखा ही नहीं ; हाँ , गॉड गवर्नेंस जरूर रहा है !

तो सभी राज्य फिर चिंतित हो उठे हैं ! नियम कायदे पहले तो शिथिल कर दिए और अब फिर टाइट कर दे रहे हैं ! मास्क ना पहनने पर तो जुर्माना २००० रूपये तक बढ़ा दिया गया है ; मानों राजस्व इसी से पूरा हो जाएगा ! राजस्थान ने भी जयपुर समेत आठ शहरों में रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक का कर्फ्यू लगा दिया है ! शादी विवाह के समारोहों में मेहमानों की संख्या घटाई बढ़ाई जा रही है ! भई ! एक साल के लिए शादी विवाह पर रोक ही क्यों नहीं लगा देते ? यकीन मानिये कई डायरेक्ट - इनडायरेक्ट फायदे होंगे ! बताएँगे नहीं क्योंकि बताया तो बवाल मच जाएगा ! 

अब नेताओं की बात करें तो शशि थरूर जैसे विद्वान् भी साम्प्रदायिक सौहाद्र पर पॉलिटिकल स्क्रोर के लिए केरल राज्य की किसी शादी का वीडियो शेयर कर देते हैं जिसमें अच्छी खासी भीड़ है , कही कोई मास्क नहीं हैं और ना ही कोई सोशल डिस्टैन्सिंग ! वीडियो फेक भी हो , उनका संदेश कुछ और ही हों ,लोग तो संदेश ग्रहण करते हैं कि कोरोना काल में शादी समारोह में मास्क क्यों पहने और क्यों मेहमानों की भीड़ इकठ्ठा ना करें ? फिर शशि थरूर साहब ने एंडोर्स भी कर दिया है ! 

कुल मिलाकर ड्रैगन रिटर्न रिलीज़ हो गयी हैं और धीरे धीरे मोमेंटम भी ले रही हैं ! इसे सुपर फ्लॉप बनाना हमारे अपने हाथ में हैं ! साइंटिफिकली समझ लें तो अब कोई उपाय बचा ही नहीं है सिवाए खुद में ऐंटीबॉडी विकसित करने के ! सो कोरोना प्रोटोकॉल मंत्र हर हाल में फॉलो करते रहें, इम्युनिटी स्ट्रांग बनी रहे तो हेल्थी फ़ूड लें लेकिन इम्युनिटी बूस्टर के नाम पर ना तो बाबा रामदेव के चक्कर में पड़ें और ना ही अन्य किसी ब्रांड के ; नियमित योग और ध्यान करें ! 

लापरवाहियाँ हुईं और अब चूँकि ठंड आ गयी हैं तो ब्लेमगेम का समय नहीं हैं ! अब भी सीरियस हो जाएँ और बड़े बुजुर्गों ने कहा भी है जब जागो जभी सवेरा ! गांठ बांध लें कि ‘लॉकडाउन हटा दो, ये खोल दो और वो खोल दो’ ऐसा कहनेवाले लोग जिंदा लोगों की जिम्मेदारी लेंगे क्या? अपनी सुरक्षा अपने हाथ , बाकी सारी झूठी बात ! व्यवस्थाएं यूँ ही डाइल्यूट होती रहेंगी, हालाँकि योद्धा(मेडिकल फ्रटर्निटी )डटे हैं हमारे लिए लेकिन अब समय है स्वयं ही योद्धा बन निकलने का , स्वयं जागरूक रहकर के इस चाइनीज़ वायरस से बचना होगा !   

चलते चलते बता दें, नेताओं को चेता दें ! क्योंकि थ्रेट अलर्ट उनके लिए है इंटरपोल का ! कोई कोरोना संक्रमित चिट्ठी (लेटर बम सुना ही होगा सबने ) ना भेज दे आपको ! सरस्वती चंद का रूमानी गाना (स्वर्गीय मुकेश साहब से क्षमायाचना सहित ) अभी बिसरा ही दीजिये - फूल तुम्हें भेजा है खत में , फूल नहीं मेरा दिल है ......!  वैसे जनता ने तो भांप लिया है कर्फ्यू के आगे लॉकडाउन रिटर्न तय है ! फिर शुरुआत हुई थी ठंड की विदाई के साथ और अब तो ठंड भी लौटकर वापस आ गयी है ! एक और संकेत पुनः लॉकडाउन का ही इशारा कर रहा है जो अभी अभी मिला है ! महाराष्ट सरकार ने किसी भी अन्य राज्य से आनेवालों के लिए कोरोना की आरटी -पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट की कंडीशन लागू कर दी है !

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Prakash Jain

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