सोशल मीडिया की स्मार्टफोन जेनरेशन का डिसकनेक्ट कनेक्शन है शार्टफिल्म डिस्कनेक्टेड ! 

विडंबना ही है सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर शार्ट फिल्म डिस्कनेक्टेड सोशल मीडिया और मोबाइल जेनरेशन की वॉट लगा रही हैं !

कुल २२ मिनट की फिल्म सिर्फ तीन मां, बाप और बेटी के किरदारों में बंटी हुई है जिन्हें निभाया है गुल पनाग, महक ठाकुर और सत्यदीप मिश्रा सरीखे बेहतरीन एक्टरों नै ! और इसे डायरेक्ट किया है सोहैल तातारी ने जिन्होंने समर २००७ और अंकुर अरोड़ा मर्डर केस सरीखी फ़ॉर्मूलालेस फ़िल्में भी डायरेक्ट की थी। गुल पनाग समर २००७ में भी थीं।  

आज सबकुछ स्मार्ट होना चाहिए ,मोबाइल युग में फोन भी स्मार्ट हो गया तो समय भी स्मार्ट हुआ तभी तो घड़ी भी स्मार्टवॉच कहलाई यानी स्मार्ट टाइम तो उसके साथ तालमेल बैठाने की अंधी दौड़ में हम सब स्मार्टफोन के ग़ुलाम हो गए ; हमारी सुबह मोबाइल पर थिरकती अंगुलियों से होती है और देर रात नींद भी स्मार्टफोन से अठखेलियां करते हुए ही आती हैं।  

स्क्रीन और अंगुलियों की थिरकन के बीच जिंदगी मानों फंस सी गयी है ; रिश्ते नाते दिखते भर हैं और अब तो कसमें वादे प्यार वफ़ा सब बातें हैं बातों का क्या सुनकर गम भी गलत नहीं किया जाता ! दिखने को कोई कमी नहीं है ,सेटल्ड लाइफ है , फैमिली है लेकिन बंधन स्वीकार्य नहीं हैं चूँकि स्मार्टनेस के क्राइटेरिया बदल गए हैं ! अच्छी खासी आकांक्षा (गुल पनाग ) चैट में  किटेन के संबोधन से प्रफुल्लित हो जाती है ।सोशल मीडिया की बदौलत अवयस्क बेटी रिया (महक ठाकुर) अपनी पसंद का सेक्स पार्टनर चुनने लायक हो गयी है ! आकांक्षा के वैवाहिक जीवन में रस बचा नहीं है चूँकि रस की परिभाषा भी सोशल मीडिया ने बदल दी है ! सो वह नया पार्टनर तलाश रही है ! पार्टनर मिल भी जाता है। आकांक्षा के पति परिमल (सत्यदीप मिश्रा ) के चेहरे पर भी परिवार के लिए प्यार कम और धंधे का तनाव ज्यादा है। बेटी को किसी तरह इन दोनों से अलग होकर अपने दोस्तों के साथ समय बिताना है और ......... !

कहानी सिर्फ एक तानाबाना ही है चूँकि मैसेज भर जो कम्यूनिकेट करना है ; आप कनेक्ट होंगे तो शायद फैमिली लाइफ में डिसकनेक्ट होने का रिस्क नहीं लेंगे ! 

अभिनय की बात करें तो सत्यदीप, गुल और महक तीनों किरदारों के भीतर घुमड़ते भावों को चेहरे पर बखूबी उरेकने में सौ फीसदी सफल हुए हैं ; हालाँकि अपने अपने किरदार में ढलने का समय बिल्कुल था ही नहीं ! और ऐसा सोहैल करवा पाए हैं ! खासकर महक खूब प्रभावित करती है जब अपने दोस्त के साथ कुछ वक्त बिताने के अपने माता पिता के एतराज के बाद के दृश्यों में वह खुद को एक्सप्रेस करती है ! क्या नेचुरल लगी हैं वो ? 

टेक्निकल पक्षों की बात करें तो एडिटिंग , साउंड , सिनेमेटोग्राफी , लाइटिंग वगैरह सभी ठीक है। सो जरूर देखिये इस शार्ट फिल्म को ; सिर्फ २०-२२ मिनट का समय लेगी आपका ! सभी देखें लेकिन सब अलग अलग देखें साथ साथ नहीं ! और कहीं जाने की भी जरुरत नहीं है , लिंक भर क्लिक कीजिये यहाँ और देख लीजिये ! 


Write a comment ...

Prakash Jain

Show your support

As a passionate exclusive scrollstack writer, if you read and find my work with difference, please support me.

Recent Supporters

Write a comment ...